संत का संग मोक्ष देने वाला एवं कामी का संग, जन्म मृत्यु के बंधन में डालने वाला होता है -आचार्य सुरेंद्र शास्त्री
उमेश चौबे,उदयपुरा- रायसेन समीपस्थ मानस धाम ग्राम पचामा मैं श्री रामचरितमानस विद्यापीठ द्वारा संत स्वामी नित्यानंद गिरी महाराज की सत प्रेरणा से संचालित मानस यात्रा के अंतर्गत रविवारीय, निशुल्क मानस सत्संग का आयोजन किया गया ,प्रसिद्ध प्राचीनतम काली मठ धाम पर महादेवी की दिव्य आरती एवं मानस पूजन के पश्चात सत्संग में मानस आचार्य सुरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया, कि संत का संग भव बंधन से छूटने का और कामी का संग, जन्म मृत्यु के बंधन में पढ़ने का मार्ग है, इस बात की पुष्टि संत, कवि और विद्वान तथा वेद, पुराण आदि सभी सभी सद ग्रंथ ऐसा कहते हैं, स्वयं प्रभु श्री राम अपने वचनों में संत और सत्संग के महत्व के संबंध में कहते हैं, कि बड़े ही भाग से सत्संग की प्राप्ति होती है, जिससे बिना ही परिश्रम जन्म मृत्यु का चक्र नष्ट हो जाता है, मानस यात्रा संयोजक चतुर नारायण रघुवंशी अधिवक्ता ने बताया कि ग्राम पचामा का काली मठ ग्राम के बुजुर्गों का आस्था का केंद्र रहा है और उसी क्रम में युवाजन मां की आराधना कर अपने को कृतार्थ कर रहे हैं, बिना पंडा, पुजारी के काली मठ से आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं पर मां काली की कृपा बड़ी सहजता और सरलता से प्राप्त हो जाती है ,जिससे दूर-दूर से श्रद्धालु आकर अपने कष्ट और क्लेशों का निवारण हेतु प्रार्थना कर मनोकामनाएं प्राप्त करते हैं, सत्संग समापन पर मानस जी की दिव्य आरती एवं स्थानीय संगीत कलाकारों द्वारा देवी भजनों की प्रस्तुति की गई, जिसका श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद उठाया,
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