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सभापति ने ली जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ वृंदावन में समीक्षा बैठक

सभापति ने ली जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ वृंदावन में समीक्षा बैठक 




मथुरा 28 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय एवं सामाजिक सद्भाव समिति के माननीय सभापति आशुतोष सिन्हा जी एवं समिति के अन्य सदस्यों द्वारा जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ वृन्दावन के पर्यटक सुविधा केन्द्र के सभागार में समीक्षा बैठक ली। बैठक में प्रदेश सरकार के विभिन्न सम्प्रदायों तथा जातियों के बीच सदभाव उत्पन्न करने हेतु किये गये प्रयास, सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन करने की भावना को मजबूत करने तथा आपराधों में संलग्न होने की दशा में की गई कार्यवाही, जनपद में बाल संरक्षण गृह एवं महिलाओं के गृहों के रख रखाव, पोषण एवं खान-पान की स्थितियों, जनपद में विगत 05 वर्षों में अनुसूचित जाति के परिवारों के साथ हुए उत्पीड़न की घटनाओं तथा उन पर की गई कार्यवाही, जनपद में अनुसूचित जाति के परिवारों को बाल मजदूरी के लिए विवश करने अथवा बंधुवा मजदूरी की विगत 05 वर्षों में हुई घटनाओं तथा उन पर की गई कार्यवाही के संबंध में उक्त बिन्दुओं पर अधिकारियों के साथ चर्चा की।

मा0 सभापति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि जनपद में सुरक्षा का माहौल बनाते हुए शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। पीड़ितों की तत्काल एफआईआर दर्ज की जाये, जांच कर लोगों को न्याय दिलाया जाये। अनुसूचित जाति के मामलों पर तत्काल कार्यवाही की जाये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी व्यक्ति निर्दोष न फसें। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद में ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाये जो बार बार गलत एफआईआर दर्ज कराते हैं, उन पर सख्त कार्यवाही की जाये। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार से संबंधित सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करें तथा निरंतर निगरानी रखें। जनता के अन्दर प्रशासन के प्रति विश्वास होना चाहिए, जिससे अधिकाधिक मामले प्रशासन के समक्ष निस्तारित हो जायें और लोगों को न्याय पालिका तक जाने की जरूरत न पड़े।

जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिये कि बाल संरक्षण गृह एवं महिला गृहों में उत्तम खाने पीने की व्यवस्था सुनिश्चित करें, खाने की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने निर्देश दिये कि विगत 06 माह में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा बाल संरक्षण गृह एवं महिला गृहों के खाने की जांच की रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से समिति को प्रस्तुत करें। निरंतर खाने पीने की जांच कराते रहें। समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति के पीड़ितों को शासन से मिलने वाली धनराशि का समय से भुगतान कराना सुनिश्चित करें। सहायक श्रमायुक्त को निर्देश दिये कि बाल मजदूरों के प्रकरणों पर विशेष ध्यान देते हुए सख्त कार्यवाही की जाये। 14 वर्ष से कम आयु वाले बाल मजदूरों का स्कूलों में दाखिला करायें तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें। सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि विगत 05 वर्षों में अनुसूचित जाति के परिवारों को बाल मजदूर के लिए विवश करने संबंधी प्रकरण जनपद में नहीं आया है।

बैठक में जनपद में विगत 05 वर्षों में महिलाओं के शोषण, उत्पीडन तथा दहेज के कारण हुए अत्याचार, हत्यायें तथा दुष्कर्म की हुई घटनाओं, जनपद के औद्योगिक/लद्यु औद्योगिक/हस्तशिल्प उद्योग में बाल श्रमिकों को नियोजित करने संबंध विगत 05 वर्षों में हुई घटनाओं, जनपद में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिला एवं बच्चों को दिये जा रहे पोषाहार की गुणवत्ता एवं माप की जांच, जनपद में ग्राम समाज/ नजूल की कितनी भूमि पर अवैध कब्जा है, जनपद में कितने श्रमिक पंजीकृत हैं तथा उनके परिवारों के लिए श्रम विभाग द्वारा कौन कौन सी योजनाऐं संचालित की जा रही हैं आदि के संबंध में चर्चा की गई।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जनपद में नवीन अनुपूरक पोषाहार योजना के अन्तर्गत 07 माह से 03 वर्ष के 138404, 03 से 06 वर्ष के 107276 तथा गर्भवती/धात्री महिलाओं 39333 बच्चों को ड्राई राशन आंगनबाडी केन्द्रों से स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रतिमाह वितरित कराया जाता है।

बैठक में जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, अपर जिलाधिकरी वित्त एवं राजस्व योगानन्द पाण्डेय, डीएफओ रजनीकांत मित्तल, एसपी सिटी एमपी सिंह, उप जिलाधिकारी छाता स्वेता, परियोजना अधिकारी जिला नगरीय विकास अभिकरण आदेश कुमार, समाज कल्याण, कार्यक्रम, प्रोबेशन, अर्थ एवं संख्याधिकारी, परिवहन, सेल टेक्स, आबकारी, पूर्ति आदि विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

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