पिच्छीका परिवर्तन समारोह आज,पुण्यवान लोग ही दान कर पाते है:वैराग्यमती माता जी
उमेश चौबे,सिलवानी।सिद्धचक्र महामंडल विधान के चौथे दिन प्रभु की भक्ति करते हुए समाज जन को प्रवचन के माध्यम से संबोधित करते हुए माता जी ने कहा कि धन संपन्नता तो सबके पास होती है किसी के पास पूर्व में किये हुए पुण्य तो किसी के पास वर्तमान में किये हुए पुरुषार्थ से।
पर नेक कार्य मे दान वही दे पाता है,जो पुण्यवान हो
करोड़ो की संपत्ति होने पर भी अगर दान के भाव नही तो फिर यह वैभव व्यर्थ ही समझना। शिकन्दर का उदाहरण सबको याद है उसने अंत समय सबसे यही बोला था कि शब यात्रा के समय मेरे हाथ बाहर निकले जाये,जिससे लोगो को पता चले यहाँ साथ कुछ नही जाता।
आपके द्वारा किये हुए नेक काम कर्म ही साथ जाने वाला है,इसलिए यथा शक्ति दान अवश्य देना चाहिए। गौशाला आदि के सबको अपने खेत का भूषा आदि दान में देना ही चाहिए, यही एक सच्चे श्रावक होने की पहचान है।
*कार्यक्रम सभा के अंत में आर्यिका संघ के पिच्छीका परिवर्तन की घोषणा हुई*
यह आज शुक्रवार को जुलूस के माध्यम से दोपहर 1 बजे से बुधवारा बाजार स्थित बड़े मंदिर से आर्यिका संघ व नवीन पिच्छीका के साथ कार्यक्रम स्थल त्रिमूर्ति जिनालय परिसर पहुँचेगी। साधु जीवन का सबसे उपकरण जो उनकी चर्या में सहायक होता है वह पिच्छी होती है। मोर स्वतः जो पंख छोड़ता है उससे यह पिच्छी का निर्माण होता है,पिच्छी दीक्षा के बाद से साधु के पास होती है,जो अनंत छोटे छोटे जीवो की रक्षा करती है। वर्ष में एक बार यह कोमल मयूर पिच्छीका बदली जाती है और जो नियम धारण करता है उन श्रावको को यह दी जाती है।
सिद्धचक्र महामंडल विधान के चौथे दिन
प्रभु की स्वर्ण कलश से शांतिधारा का सौभाग्य दिनेश जैन,कमलेश जैन,दीपक जैन महावीर फ़ोटो स्टोडिओ परिवार व रजत कलश से प्रभु की शांतिधारा करने का सौभाग्य मामा सुरेंद्र कुमार जैन, सचिन जैन शाम को महाआरती का सौभाग्य भी विधान में सौधर्म इन्द्र बने सुरेंद्र,सचिन जैन,परिवार सिलवानी को मिला।
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