Hot Posts

6/recent/ticker-posts

राम भक्त ही इस संसार में सुखी। - वेदाचार्य जी महाराज

राम भक्त ही इस संसार में सुखी। - वेदाचार्य जी महाराज 



उमेश चौबे,सिलवानी।सिलवानी नगर रघुवंशी गार्डन मंगल भवन में, पांच दिवसीय श्री रामचरितमानस सम्मेलन का विराट आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मानस सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए, पंडित राम कृपाल वेदाचार्य ने राम भक्ति की महिमा का वर्णन करते हुए, कहा कि भगवान श्री राम की भक्ति करने से जीवन में समस्त विघ्न बाधाएं अपने आप अलग हो जाती हैं, किसी भी तरह का कोई विघ्न वाधा जीवन में नहीं आती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से अघाध जल राशि में मछली सुखपूर्वक रहती है। इसी प्रकार राम की भक्ति करने से ,व्यक्ति के जीवन में किसी प्रकार की विघ्न बाधा नहीं आते और चहुँओर से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। 



उन्होंने कहा कि राम नाम का आश्रय लेकर, व्यक्ति इस भवसागर से पर चला जाता है। इसीलिए प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि, वह ईश्वर की शरण का आश्रय लेकर नाम जप करते हुए, भगवान का संकीर्तन उनके गुणों का वर्णन, भगवान के चरित्र की कथा श्रवण करते रहना  सम्यक है ।आगे वेदाचार्य ने कहा कि संसार में सर्वत्र दुख ही दुख समाया हुआ है ,और इस दुख से दूर होने का उपाय भगवान की शरण का आश्रय प्राप्त करके, उनके नाम रूप गुण का चिंतन करते रहना । संसार में रहते हुए भी संसार से निरपेक्ष रहना ही, भगवान की सच्ची भक्ति है। वर्तमान समय में व्यक्ति भगवान से संसार को मांग रहा है, जबकि भगवान को नहीं मांग रहा ।यह अनुचित है ,हमें चाहिए कि हम संसार में रहते हुए, संसार को अपना ना मानें। परमात्मा को अपना मानें। क्योंकि यहां पर कोई भी निरंतर रहने वाला नहीं है। यह भौतिक शरीर यह संसार नश्वर है। इसलिए शाश्वत परमात्मा की प्राप्ति के लिए, सभी को तत्पर होने की आवश्यकता है। माता-पिता और गुरु का सम्मान, इनकी आज्ञा का पालन करना, हमारा धर्म है। किसी भी तरह का दिखावा प्रदर्शन और आडंबरों से दूर रहकर, पवित्र भक्ति भाव से भगवान के चरणों का आश्रय लेकर जीवन का निर्वाह करना, हमारा कर्तव्य होना चाहिए ।श्री रामचरितमानस सम्मेलन का विश्राम 20 दिसंबर को होगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ