प्रत्येक घर का सदस्य गीता का प्रतिदिन स्वाध्याय करें तो जीवन में आएगा परिवर्तन
शोभायात्रा निकालकर किया गीता जयंती पर सतसंग सभा का आयोजन,
उमेश चौबे,उदयपुरा। गीता जयंती के अवसर पर सतसंग सभा का आयोजन गांव में रखा गया। इससे पहले गांव में गांव के विद्वानों की उपस्थिति में भव्य कलश यात्रा निकाली जिसमें गांव की महिलाएं पुरुष सभी ने बढ़चढ़कर भाग लिया। इसके बाद मुख्य यजमान महेन्द्र सुरेन्द्र तिवारी ने गीता और भागवत महापुराण की वैदिक रीति रिवाज के साथ पूजा अर्चना की इसके बाद विद्वानों का तिलक लगाकर फूलाओं से स्वागत किया।
इस दौरान प्रवक्ता सुरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि वर्तमान में बिगड़ती परिस्थितियों, परिवारों के विघटन, होने वाले विवादों को रोकने का एक मात्र उपाय है वह गीता का स्वाध्याय। यदि प्रत्येक घर का सदस्य गीता का नित्य स्वाध्याय करे तो स्वत: उसके जीवन में अदभुत परिवर्तन आएगा।
धर्माधिकारी पंडित राजेंद्र शास्त्री ने गीता पर अपना व्याख्यान दिया और कहा कि भगवान ने अर्जुन को मोहमाया से रहित होकर कर्म योग करने की सलाह दी थी, हमें भी बिना फल की चिंता किए सतमार्ग पर चलकर कर्म करना चाहिए। फल देने वाला भगवान है। यदि आपके कर्मो में सात्विकता होगी तो भगवान निश्चित रूप से फल देंगे। इसके अलावा पं. सुदामा शास्त्री, योगेश पांडे, नर्मदा प्रसाद रामयणी ने भी राम चरित्र मानस पर अपनी अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि गोविंद गोदानी द्वारा स्वरचित भजनों को प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर किया। एडवोकेट चतुरनारायण रघुवंशी ने बताया कि वह गांव गांव जाकर राम चरित्र मानस के जरिए सतसंग सभा कर रहे हैं,आमजनों के अपने अपने घरों में रामायण पाठ करना चाहिए। जो यह पाठ करेगा उसका जीवन बदल जाएगा।
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