श्री रामचरितमानस से आदर्श जीवन प्रबंधन के सूत्र प्राप्त होते हैं- आचार्य सुरेंद्र कुमार शास्त्री
उमेश चौबे, उदयपुरा ।निकटवर्ती ग्राम पचामा में आयोजित श्री रामचरितमानस सम्मेलन के 57 वे वार्षिक उत्सव के विश्राम दिवस पर मानस मंच से कथा श्रवण कराते हुए, मानस विद्यापीठ के आचार्य सुरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया कि तुलसी दास जी द्वारा रचित मानस ग्रंथ प्रभु श्री राम के आदर्श से भरा हुआ है, श्री राम ने राज अभिषेक के बाद अपने राज का कुशल संचालन किया, आज रामराज्य की जो परिकल्पना की जाती है, उसको साकार रूप दिया जाना वर्तमान की आवश्यकता है, प्रभु श्री राम अनाथो पर प्रेम करते हैं, वह दीनों का हित करने वाले हैं, उनके राज्य में कोई दरिद्र और दुखी नहीं था, आपने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित मानस पूर्ण स्वरूप है, पापों का हरण करने वाला, सदा कल्याणकारी, विज्ञान और भक्ति को देने वाला, माया मोह और मल का नाश करने वाला, परम निर्मल प्रेम रूपी जल से परिपूर्ण, तथा मंगलमय है, जो मानव, भक्ति पूर्वक इस मानस सरोवर में सत्संग के माध्यम से गोता लगाते हैं, वे संसार रूपी सूर्य की अति प्रचंड किरनो से नहीं जलते, विश्राम दिवस की बेला में क्षेत्रीय विधायक एवं मध्य प्रदेश शासन के राज्य मंत्री नरेंद्र पटेल ने मानस पीठ का पूजन कर आचार्य एवं विद्वान गणो से आशीर्वाद प्राप्त किया, मानस सम्मेलन समिति के संयोजक चतुर नारायण रघुवंशी ने उपस्थित विद्वानों एवं श्रोताओं का आभार प्रकट किया, मानस ग्रंथ की मंगल महा आरती मैं श्रद्धालुओं ने उत्साह से भाग लिया एवं प्रसाद प्राप्त कर मां भगवती का दर्शन किया।
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