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कानपुर के थाना हनुमंत विहार पुलिस ने बाइक चोरी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश

कानपुर के थाना हनुमंत विहार पुलिस ने बाइक चोरी करने वाले गिरोह  का किया पर्दाफाश



आकाश गुप्ता,कानपुर।डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने बताया कि थाना हनुमंत विहार  पुलिस के द्वारा कांदा तिराहे  पर चेकिंग के दौरान मुखबिर खास की सूचना मिली थी की जो बाइक से जा रहे है उसी सूचना पर यकीन करके पुलिस के द्वारा चेकिंग लगाकर रोका गया रोकने के बाद जब  पुलिस ने गाड़ी के बारे में पूछताछ की  तो  गाड़ी के पेपर पूछे गए गाड़ी के पेपर या कोई कागजात नहीं मिला तो पुलिस ने उसके बारे में जानकारी की तो उस गाड़ी की पहले से ही चोरी की मुकदमा पंजीकृत है।जो की दिनांक 21 4 2024 को हनुमंत विहार थाने में 379 का मुकदमा पंजीकृत है जिसमे बाइक चोरी हुई थी।

यह बाइक गल्ला मंडी के पास से चोरी हुई थी इसके बाद में इन लोगों को पकड़ा गया पूछताछ की गई तो इन्होंने घटना का होना कबूल किया और अलग-अलग थाना क्षेत्र में अलग-अलग जनपदों में गाड़ियों की चोरी को अंजाम देते थे

हनुमंत विहार नौबस्ता बर्रा गोविंद नगर कानपुर देहात का शिवली थाना चौकी वहां से गाड़ी की चोरी को अंजाम दी थी अभी कुछ गाड़ियां ऐसी हैं जिनकी जानकारी नहीं हुई है कि कौन सी कहां की है मौके से 12 मोटरसाइकिल बरामद हुई और आरसी बरामद हुईं हैं जो की स्प्लेंडर मोटरसाइकिल की है जो कि चोरी की हैं जिसको इन्होंने 1900रु की किसी व्यक्ति को बेच दिया है इसका कहना है कि वो व्यक्ति जो कि ट्रक चालाक था उसको बेचा है उसकी भी जनकारी में पुलिस लगी हुई हैं।

आरोपी पहले करते थे रेकी फिर देते थे चोरी को अंजाम  बाइक चोरी जैसे की सब्जी मंडी कोचिंग मार्केट वाले क्षेत्रों पर घूम-घूम कर करते थे वहन चोरी आरोपियों पर अलग-अलग जिले के कई थानों में दर्जनों दर्ज है मुकदमे जो की तीन अपराधी पकड़े गए तीनों अपराधी थाना  विध्नु क्षेत्र  अंतर्गत के   हैं ।इन तीनों के ऊपर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।जो कि इनका एक सरगना है जिसका नाम  कुलदीप यादव बताया जिसके ऊपर कुल   18 मुकदमे दर्ज हैं और उसके दो साथी है।एक साथी जिसका  नाम  मोहन यादव है उसके ऊपर 9 मुकदमे है।और दूसरा साथी रोहित यादव है उसके ऊपर भी 9 मुकदमे हैं। 

टोटल पुलिस ने तीन आरोपियों को लिया हिरासत में 

आरोपियों  ने पुलिस के पूछताछ के बाद बताया कि यह गाड़ी चोरी के बाद हम लोग महीने डेढ़ महीने के लिए ऐसी जगह छुपा देते हैं कि जिस की हमें पुलिस अब नहीं पकड़ पाएगी और फिर यह गाड़ियां गांव देहात में जाकर सस्ते दामों में भेज देते हैं।पुलिस ने बताया कि पूछताछ के बाद किसी भी ऑर्गेनाइज या खरीदने या बेचने वाले का नाम सामने नहीं आया है।





 

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