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Sawan 2024: सावन कल से, शिवालियों में तैयारियां पूरी


रिपोर्ट: लंकेश विश्वकर्मा/आकाश गुप्ता

कानपुर नगर: सावन का महीना प्रभु शिव को अत्यंत प्रिय है इसलिए प्रभु शिव के भक्तों के लिए के लिए यह महीना बहुत खास होता है। इस महीने में शिवालयों बड़ी संख्या में भक्त दर्शन और पूजा अर्चना कर प्रभु आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहुंचते है।


कानपुर के परमट स्थित आनंदेश्वर,जाजमऊ के सिद्धनाथ के अलावा शिवराजपुर के खेरेश्वर मंदिर, पीरोड में वनखंडेश्वर मंदिर और नयागंज में नागेश्वर मंदिर में  श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.


श्रावण मास की तैयारी पूरी

सावन को लेकर शिवालयों में तैयारी पूरी हो गई है।पुलिस ने पार्किंग से लेकर सुरक्षा व्यवस्था की परखी तैयारियां। त्रिस्तरीय सुरक्षा पैरामिलिट्रीफोर्स, पीएसी और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में श्रद्धालु करेंगे बाबा भोलेनाथ के दर्शन।



इस मंदिर में रात से कतारों में खड़े हो जाते है भक्त

मास के सोमवार के दिन कानपुर के गंगा तट पर बसे मिनी काशी कहे जाने वाले आनंदेश्वर मंदिर पर भी देर रात से भक्तों का ताता लग जाता है ।  यहां रात 2:00 बजे से बाबा के दर्शन करने के लिए पट खोल दिए जाते है । सावन के सोमवार में आनंदेश्वर मंदिर में लाखों भक्त दर्शन करते हैं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कानपुर पुलिस प्रशासन अपनी तरफ से कड़े इंतजाम करता है ।

इस बार क्यों है सावन खास

वहीं इस बार सावन के 5 सोमवार पड़ रहे है 22 जुलाई सोमवार के दिन से शुरू हो कर श्रावण मास 19 अगस्त सोमवार के दिन तक रहेगा । ज्योतिषिय गणनाओं के अनुसार, सावन के दौरान शुक्रादित्य, बुधादित्य, नवपंचम योग, गजकेसरी योग, कुबेर योग और शश योग जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है. इसे देखते हुए इस बार सावन का महीना और खास माना जा रहा है।

मंदिर में दर्शन की व्यवस्था

मंदिर में दर्शन करने आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन द्वारा भी तैयारियां की गई है । मंदिर के महंत ने बताया कि इस बार 5 सावन के सोमवार पड़ रहे हैं । मंदिर में एक बार में 500 को ही दर्शन करने भेजा जाएगा।

पुलिस प्रशासन के साथ 230 वॉलिंटियर दर्शन की व्यवस्था के लिए लगाए गए हैं जिसमें से 60 महिला वालंटियर हैं।महिला दर्शनार्थियो के लिए अलग कतार की व्यवस्था की गई है उनकी मदद और सुरक्षा के लिए महिला पुलिस भी मंदिर में तैनात रहेगी  ताकि महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो ।

बाबा आनंदेश्वर मंदिर का इतिहास

महाभारत काल से मौजूद इस मंदिर कब शिवलिंग के पीछे एक कहानी बहुत प्रचलित है कि यहां पर एक आनंदी नाम की गाय आकर अपना सारा दूध एक ही स्थान पर गिरा देती थी लोगों ने जब कई दिनों तक गाय को ऐसा करते देखा तब उस स्थान पर खुदाई की गई तो वहां से भगवान शिव का शिवलिंग निकला तबसे इस मंदिर का नाम आनंदेश्वर पड़ गया । इस मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि जो भी लगातार 11 सोमवार इस मंदिर पर दर्शन करता है भगवान की आराधना करता है भगवान भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना जरूर पूरी करते है  सावन के सोमवार ही नहीं बल्कि अन्य सामान्य सोमवार को भी यहां पर बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं ।

सुरक्षा व्यवस्था 

सावन में आनंदेश्वर मंदिर परमट में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए यहां पर अभी से तैयारियों को पूरा करने में पुलिस भी जुट गई है । एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार, ने आनंदेश्वर मंदिर परमट का जायजा लिया । इस दौरान परमट चौकी से मंदिर परिसर तक जिन लोगों ने आगे बढ़कर गलियारे में अवैध कब्जा कर रखा था, उन्हें चेतावनी देकर पीछे कराया गया । इसके अलावा गलियारे में खड़े होने वाले दुपहिया वाहनों के चालान भी किए गये । सावन के पूरे महीने में श्रद्धालुओं के लिए आने जाने की क्या व्यवस्था रहेगी, इसको लेकर भी मंथन किया गया । एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया कि सावन के दौरान जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पर आती है, उसे देखते हुए यूनियन बैंक चौराहे की तरफ से श्रद्धालुओं को इंट्री दी जाएगी और दूसरी तरह से श्रद्धालुओं का निकास होगा ।

कुल 35 कैमरों की मदद से सभी जगहों की निगरानी की जाएगी । इसके अलावा लोगों के सहयोग से ग्रीनपार्क चौराहे तक सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे, जिससे हर जगह पर पुलिस अपनी निगाह रख सके ।


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